Bachpan Shayari in Hindi | गांव की बचपन की यादें
गाव चले क्या.. शहर की हवा से मेरी दोस्ती नही है। Gao chale kya..Sehar...
गाव चले क्या.. शहर की हवा से मेरी दोस्ती नही है। Gao chale kya..Sehar...
Bahot Dino Baad dikhe hoKuch chahiye kya.. Dil toh tumhare Hi pass me hai...
ए झख्मी दिल तू फिर से वही गलती करने जा रहा है.. जिसकी सजा...
Mai tujhe likhu toh kya likhu,Saanso ki mala likhu ya syah raaton ki ranjish,Ishq...
सुनो.. तुम सुनो या न सुनो, हाथ बढाओ न बढाओ, डूबते डूबते इक बार...
मैं नशे में था, लोग शराब को गाली देते रहे, और मेरी दोशी खडी...
याद आती है आज भी तेरीआखें नम होजती हैंमें तो कुछ कह नहीं पाताआसूं...
तुम फिर लौट के आ गयी,पर अफ़सोस अबइस दिल में कोई औररहने लगा है।...